माँ लक्ष्मी की पूजा करें और माँ लक्ष्मी को खुश करें दिवाली शुभ मुहूर्त दिवाली पूजन विधि

माँ लक्ष्मी की पूजा करें और माँ लक्ष्मी को खुश करें दिवाली शुभ मुहूर्त 


आज भारत में हर जगह दिवाली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दिवाली के दिन पूरे घर को सजाया जाता है, घर को दीयों से सजाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। अमावस्या तिथि आज दोपहर 3:52 बजे से शुरू होगी और तिथि 1 नवंबर यानी कल शाम 6:16 बजे समाप्त होगी।


हर साल की तरह इस साल भी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पूरे देश में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी को साफ-सफाई बहुत पसंद है और मां लक्ष्मी साफ-सुथरी जगहों पर ही निवास करती हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। इस दिन शाम और रात के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।


पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर हर तरह से साफ और उज्ज्वल होता है, वह अंश रूप में वहीं रहता है, इसलिए दिवाली पर साफ-सफाई और विधि-विधान से पूजा करने से मां महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि।


दिवाली की अमावस्या तिथि आज दोपहर 3:52 बजे शुरू होगी और तिथि 1 नवंबर यानी कल शाम 6:16 बजे समाप्त होगी।


लक्ष्मी पूजा का पहला मुहूर्त


प्रदोष काल - 

31 अक्टूबर यानी आज शाम 5:36 बजे से रात 8:11 बजे तक


वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) - 

शाम 6:25 बजे से रात 8:15 बजे तक


लक्ष्मी पूजा का दूसरा मुहूर्त


महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त -

 31 अक्टूबर यानी आज रात 11:39 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक


दिवाली पूजन विधि


सुबह स्नान करने के बाद सभी देवी-देवताओं की पूजा करें। शाम के समय लक्ष्मी पूजन के दौरान सबसे पहले शुद्धिकरण करें। सबसे पहले अपने ऊपर जल छिड़ककर शुद्धि करें। इसके बाद सभी सामग्रियों पर भी जल छिड़कें। इसके बाद तीन बार हथेली में जल लेकर पीएं और चौथी बार हाथ धो लें। चौकी पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, कुबेर भगवान और मां सरस्वती की नई मूर्तियां स्थापित करें। इसके बाद दीप जलाएं। इसके बाद सबसे पहले संकल्प लें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें। इसके बाद देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और मां सरस्वती का स्मरण करें। इसके बाद कलश का ध्यान करें। अब मूर्तियों के सामने जल से भरा कलश रखना चाहिए। अब फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, मुरमुरे, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्री का उपयोग करके लक्ष्मी और गणेश जी की पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इनके साथ ही देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिवत पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय 11 छोटे दीपक और एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए।


लक्ष्मी पूजा की सामग्री


दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरा दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवा, मुरमुरे, बताशा, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश, मां सरस्वती और भगवान कुबेर की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दीपक, मां लक्ष्मी के वस्त्र, मां लक्ष्मी के श्रृंगार का सामान।


दिवाली के उपाय


धन प्राप्ति के उपाय


दिवाली की रात को भोजपत्र या पीला कागज लें। यह भोजपत्र या कागज का टुकड़ा चौकोर होना चाहिए। इस पर नई लाल कलम से कोई मंत्र लिखें। मंत्र होगा "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मंका दारिद्र्य नाश्य प्रभार धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ"। इसे मां लक्ष्मी को अर्पित करें। इसके बाद इस मंत्र का ग्यारह माला जाप करें। मंत्र जाप के बाद इस भोजपत्र या कागज को अपने धन स्थान पर रख दें। आप चाहें तो इसे अपने पर्स में भी रख सकते हैं।


कर्ज से मुक्ति का उपाय


हनुमान जी की नारंगी रंग की मूर्ति लाएं। इसके सामने एक मुखी चमेली का दीपक जलाएं। इसके बाद एक छेद वाला तांबे का सिक्का चढ़ाएं। अब एक विशेष मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें। मंत्र होगा - "ॐ नमो हनुमते भयभंजनाय सुखं कुरु फट् स्वाहा।" मंत्र जाप के बाद धन लाभ और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें।


लक्ष्मी पूजा के मंत्र 


महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा बनी रहेगी |

धन्यवाद !

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